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Wednesday 3 April 2013

राशिफल - मेष - वार्षिक

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मेष
जनवरी
इस महीने में आप वास्तव में थोड़े महत्वाकांक्षी हो जाएंगे। यदि नौकरी-धंधे में परिवर्तन का विचार है तो उसे साकार करने का सही समय शुरु हो गया है। आपके भाग्य भाव का बुध आपको मदद करेगा। आप जितना कम जोश दिखाएंगे उतने सफल रहेंगे। आप दूसरों के साथ सहयोग और समझौते करने के लिए हर पल तैयार रहेंगे। आपकी मानसिक ऊर्जा चरम पर होगी और आप हर बात और हर स्थिति को तुरंत समझ जाएंगे। इतना ही नहीं आप दूसरों के विचारों का भी सम्मान करेंगे उनकी सराहना करेंगे। महीने के आखिरी दिनों में किसी से काफी महत्वपूर्ण बातचीत होगी। जल्दी उग्र न हों।

लव- आपके और पार्टनर के बीच दूरी बढ़ रही है। संवेदनाओं को समझें और बहस में पड़े बिना अगर इसका समाधान निकाल सकें तो ठीक है वरना थोड़ा इंतजार करें।
प्रोफेशन- कार्य की अधिकता रहेगी। बिजनेस वालों का रूका हुआ पैसा मिल जाएगा।
हेल्थ- इस राशि के लोग इस महीने मसालेदार खाना कम खाएं तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
करिअर- पढ़ाई में मन लगेगा। मेडिकल विद्यार्थी बहुत चिंतित रहेंगे। टेक्निकल विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है।
फरवरी

इस महीने में आपको किस्मत का साथ मिलेगा। सारी चीजें खुद-ब-खुद आपके पक्ष में होती चली जाएंगी। जो करना चाहते हैं उसकी पूर्ति के लिए कई अवसर मिलेंगे और लेन-देन में फायदा होगा। आप समस्याओं को सुलझा भले ही न सकें उन्हें इस तरह मोड़ जरूर लेंगे कि काम चलने लगे। कामकाज में आ रही जिन अड़चनों के लिए काफी ज्यादा मेहनत और बहुत ज्यादा संयम चाहिए उन्हें सस्ते में सुलझा लेने का असली मौका आपको इस महीने में ही मिलेगा। नौकरी के लिए कोशिश करने, दफ्तर में अपनी पोजीशन बेहतर बनाने के लिए बहुत अच्छा समय आपको मिलेगा। प्रमोशन के या उसके लिए जरूरी बातों की जानकारी मिलने के पूरे चांस हैं।

लव - पत्नी से विवाद हो सकता है, वाणी पर काबू रखें।
प्रोफेशन- खर्च ज्यादा होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। नौकरी के लिए कोशिश करने के लिए बहुत अच्छा दिन है। प्रमोशन के चांस हैं।
करिअर- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए समय ठीक है।
स्वास्थ्य- आपका व परिवार का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
मार्च

इस महीने आप हर समस्या की जड़ में जाएंगे और हर सूचना की गहरी तहकीकात करेंगे। इस महीने में आपके सोचे हुए काम पूरे हो जाएंगे। आपकी भावनाएं आपको उस दिशा में धकेल देंगी, जिस दिशा में आप जाना चाहते हैं। बातचीत संभल कर करें,  इस महीने में जितने इंटरव्यू या मीटिंग है उनके लिए तैयार होकर पेश हों। महीने के आखिरी दिनों में आपको फायदा मिल जाएगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। आपके विरोधी आपको परेशान करेंगे लेकिन आप धैर्य बनाए रखें। नौकरी में बदलाव होगा। यात्रा में सावधान रहें।

लव- गिले-शिकवे दूर होंगे। पुरानी बातें भूल कर जिंदगी की नई शुरुआत करें।
प्रोफेशन- नौकरी मिलेगी या बदलेगी। निवेश के लिए ये महीना अच्छा है। पुराना निवेश भी मुनाफा दिलाएगा।
करिअर- सीए और कम्प्यूटर साइंस स्टूडेंट्स के लिए समय अच्छा है।
स्वास्थ्य- ह्दय रोगी विशेष ध्यान रखें।
अप्रैल
आपकी चिंता और दुविधा समझी जा सकती है। दुविधा यह है कि एक तरफ आप पर करिअर का दबाव है या ज्यादा सही तौर पर आपका करिअर दबाव में हैं वहीं दूसरी तरफ  घरेलू स्थितियां और पैसों की स्थितियां भी कम दबाव नहीं डाल रही हैं। आपको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। महीने के बीच में आपकी राशि का स्वामी आपकी ही राशि में आ जाएगा जो आपके लिए बहुत ही शुभ फल देने वाला समय रहेगा। आप समझ नहीं पाएंगे कि ऐसे में क्या किया जाना चाहिए। शुभचिंतकों से परामर्श करें। घर में सारे लोग एक साथ बैठ कर विचार करें और उचित यही रहेगा कि आप घर-परिवार की चिंता फिलहाल छोड़ कर नौकरी धंधे के काम निपटाना शुरु कर दें।

लव- अविवाहित प्रेमियों के लिए महीने के आखिरी दिन शुभ फल देने वाले रहेंगे।
प्रोफेशनल- व्यापार में मित्रों से सहयोग मिलेगा। धंधा बढिय़ा चलेगा।
हेल्थ- गैस और एसिडिटी हो सकती है, भोजन पर ध्यान दें।
करिअर- सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और मेडिकल विद्यार्थियों के लिए मेहनत करने का समय है।

मई
किसी काम में पूरे मन से जुटने के पहले आपको अपने मन को अपनी भावनाओं को काफी खंगालना पड़ सकता है। या तो काम काज की स्थिति आपको भावनात्मक तौर पर चुभ गई है या किसी और कारण से आप बहुत भावुक हो जाएंगे। हो सकता है आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच जाए। आत्मचिंतन और प्रेम की एक बूंद आपका सारा कलुष धो देगी और इस महीने में आप पूरे जोश से जीवन का आनंद लेंगे। नए उत्साह का संचार होगा। आप जितना सोचेंगे, जितनी मेहनत करेंगे, आपके उतने काम बनेंगे। सोचे हुए काम पूरे होंगे। काम तो अधिक है लेकिन कड़ी मेहनत से निपट जाएगा। मंगल के प्रभाव से आपकी राशि के लिए प्रोफेशनल लाइफ  के लिए ठीक समय अभी आया है।

लव - दाम्पत्य सुख अच्छा रहेगा। प्रेमियों के लिए भी समय बढिय़ा है। इस महीने में आपके लिए पार्टनर का स्वभाव बहुत अच्छा रहेगा।
प्रोफेशनल- बिजनेस के लिए समय अच्छा नहीं है, निवेश सोच-समझकर करें।
करिअर- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है।
हेल्थ- इस महीने में आपकी सेहत ठीक रहेगी।

जून
इस महीने में आपको अपने भावनात्मक उद्वेगों पर नियंत्रण के लिए प्रयास करना होगा। कुछ दिनों से चली आ रही आपकी हल्की चिढ़चिढ़ाहट अपने स्थान पर है और आपका ज्यादा भावुक होना आपको और परेशान कर सकता है। कोई भी तर्क-वितर्क विवादों को जन्म दे सकता है। इस तरह दिन बिताने के लिए सबसे अच्छा यह रहेगा कि आप सहयोग और समझौता करने का पक्का इरादा करके ही घर से निकलें। दफ्तर में आपकी असंतुष्टि संभवत: सीधे अपने बॉस से ही चल रही है। अगर आपके दफ्तर में कोई विवाद चल रहा है तो महीने के शुरुआती दिनों में किसी वरिष्ठ और समझदारी व्यक्ति के हस्तक्षेप से वह सुलझ जाएगा।

लव- आपकी जीवनसाथी के साथ लंबी बात होगी। बातचीत में चुभने वाले विषय न उठाएं। किसी मनोरंजक कार्यक्रम में शामिल हों। दिन बीत जाएगा।
प्रोफेशन-  साझेदारी के बिजनेस वालों को अच्छी सफलता प्राप्त होने के योग हैं। बदलाव के विचारों को काबू में रखें।
हेल्थ- आपका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक रहेगा।
करिअर- बिजनेस के विद्यार्थियों को अच्छी सफलता प्राप्त होने के योग हैं।

जुलाई

आपकी महत्वाकांक्षाएं इस महीने में काफी ज्यादा हैं और वही आपके जीवन और करिअर को उन्नति के रास्ते पर आगे धकेल रही हैं। जल्दबाजी के कारण जो काम बिगड़ा था वो इन दिनों में सुधार सकते हैं। आप बदलाव का पूरी ताकत से विरोध करने के मूड में रहेंगे। इस कारण आलोचना भी होगी। परिवार का कोई मसला सुलझ जाएगा। आपका मन अकेले बैठने का है लेकिन मित्रों के साथ फिजूल की बातों में समय खराब होगा। लेन-देन पहले ही निपटा लें। आपको अपने प्रेम जीवन के बारे में कोई अच्छा समाचार मिलेगा। कोई आपको प्रपोज कर सकता है या शादी का प्रस्ताव मिल सकता है। आप हर काम में थोड़ी हड़बड़ी दिखा रहे होंगे लिहाजा थोड़ा सतर्क होकर चलें।

लव- बिछड़े साथियों को याद करते रहेंगे। समय अपने पार्टनर की भावनाओं को समझने और उसके मन के घाव भरने का है।
प्रोफेशन- कार्यक्षेत्र और बिजनेस में सावधान रहना जरूरी है। अपना व्यवहार लचीला रखें तो अच्छा होगा।
हेल्थ- भोजन में ध्यान रखें और मसालेदार चीजों से बचें।
करिअर- स्टूडेंट्स के लिए दिन अच्छा है। पढ़ाई में मन लगेगा।
अगस्त
आप अपने काम की प्राथमिकता तय नहीं कर पाएंगे। इस महीने में आपकी राशि का स्वामी मंगल तीसरे और चौथे भाव में रहेंगे। इस महीने लिहाजा जो काम सामने आए, उसे निपटाते चले जाएं और दूसरों से मदद बेधड़क मांग लें। बिजनेस या निवेश का कोई प्रस्ताव है तो उस पर बहुत सावधानी से विचार कर लें। अचानक कोई अड़चन या समस्या आ सकती है। आने पर आप अपना आपा न खोएं, धैर्य से निर्णय लें तो सफलता मिलेगी। अगर आपके संबंधों में सबकुछ ठीक-ठाक है तो प्रेम संबंधों की दो दिनों से चली आ रही ताजगी और गर्मजोशी लंबे समय तक बनी रहेगी।

लव- जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रेमी से सरप्राइज मिलेगा।
प्रोफेशन- व्यापार में नए सौदे की प्राप्ति होगी। नौकरी पेशा लोगों के लिए महीने के शुरुआती दिन ठीक रहेंगे।
हेल्थ- पुराने रोगों से परेशान हो सकते हैं। सावधान रहें।
करिअर- व्यवसायी पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को अतिरिक्त मेहनत करना होगी।

सितंबर

ये महीना आपके लिए थोड़ा परेशानियों भरा हो सकता है। कड़ी मेहनत करके और नतीजे दिखाकर आपको अपने काम से खुशी होगी। अचानक घटने वाले घटनाक्रम आपको आश्चर्य में डालेंगे लेकिन आप समझदारी से काम लेते हुए अपना समय खराब नहीं जाने देंगे। कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारी भी बढ़ेगी और आपको सफलता भी मिलेगी हालांकि थोड़ी भागदौड़ होगी और बाधाएं आएंगी। जिस काम में हाथ डालने के लिए मन में हिचकिचाहट हो रही हो उसे फिलहाल छोड़ ही दें। कुछ नए अनुभव आपको पूरी तरह बोर होने से बचा लेंगे। जीवन के कुछ क्षेत्रों में बदलाव आना शुरु हो रहा है। जो लोग आपके जीवन में अहम हैं या हो सकते हैं, उनके साथ अपने संबंधों में एक नई शुरुआत की कोशिश करें।
लव-  पार्टनर से अचानक खुशखबरी मिल सकती है। इससे आपका मनोबल भी बढ़ेगा।
प्रोफेशनल- कार्यक्षेत्र में अधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
हेल्थ- आलस्य और थकान से परेशान हो सकते हैं।
करिअर- कॉमर्स विषय से जुड़े विद्यार्थियों को तनाव हो सकता है।

अक्टूबर
निवेश से आपको लाभ होगा। आप कहीं से वह पैसा निकाल सकते हैं जो काफी समय से जमा है। रोजमर्रा के काम में मन नहीं लगेगा, कुछ नया प्रयोग करने की इच्छा होगी। कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, उम्मीद, हौंसला सब बढ़ेगा। हिम्मत और जोश से ही काम न लें, दिमाग से भी काम लें। आपके काम बिगड़ सकते हैं। आपके दुश्मन आप पर हावी हो सकते हैं आपके सोचे हुए काम बिगड़ सकते हैं। किसी ऐसे काम में हाथ डालने से बचें जो किस्मत के बूते हो।  भागीदारी में आपके निर्णय लाभदायी होंगे। लव लाइफ  में कुछ परिवर्तन आने के योग बन रहे हैं। सेहत का ध्यान रखें। विद्यार्थियों के लिए दिन अच्छे रहेंगे।

लव-  लव लाइफ  में कुछ परिवर्तन आऐंगे। महसूस होने वाली थकावट पारिवारिक उत्साह पर असर डालेगी। अविवाहितों के लिए समय अच्छा है।
प्रोफेशन- कार्यक्षेत्र में पैसों से संबंधित परेशानियां खत्म होने के दिन है। मेहनत से पद और सम्मान प्राप्त करेंगे।
हेल्थ- सेहत का ध्यान रखें। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं।
करिअर- विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी।

नवंबर

जो कुछ जरूरी काम है, जल्दी ही निपटा लें। सगे-संबंधियों से ही आपको धोखा हो सकता है। निर्माण कार्य में व्यय होने की संभावना है। विवादों से और जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च करने से दूर रहने का प्रयास करें। नया काम शुरुआती दिनों में न करें। कहीं पैसा भी न फंसाएं। महिलाओं को सिर दर्द, माइग्रेन होने की संभावना है। पैसों से जुड़े खास निर्णय महीने के शुरुआती दिनों में न लें तो ही अच्छा है। अगर आप स्टूडेंट हैं, तो आपके मन में अपनी शिक्षा की भावी योजना बदलने का विचार आएगा। लेकिन आपके इस विचार पर जल्दबाजी न करें। कुछ समय बाद आपको कोई नई बात पता चलेगी और फिर आपको अपना इरादा बदलना पड़ेगा।

लव- आपका पार्टनर अति संवेदनशील रहेगा। सोच समझकर बोलें। आपके इरादे और सोच-विचार पार्टनर को रास नहीं आएंगे। ऐसी हालत में पार्टनर के सामने कोई फरमाइश न रखें तो ही बेहतर है।
प्रोफेशन- कार्य की अधिकता आपको परेशान कर सकती है। दफ्तर में माहौल हल्का-फुल्का बना रहे, इसी में आपका हित है। जायदाद संबंधी समस्या का समाधान होगा।
हेल्थ- महिलाओं को सिरदर्द और छोटे-छोटे रोग परेशान कर सकते हैं।।
करिअर- मेडिकल और एमबीए के विद्यार्थियों के लिए समय सामान्य रहेगा।

दिसंबर
इस महीने में आपको ऐसी जानकारी मिलेगी, जिससे आप अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में आ रही अड़चनों से पार पा सकें। हर हालत में आपके और आपके पार्टनर के बीच काफी बातचीत होगी। परिवार के साथ संबंधों में और अपने स्वास्थ्य में सुधार होगा। जिन लोगों के साथ आपकी बातचीत लगभग ठप्प पड़ी थी, उनसे फिर संवाद होगा। नौकरी-धंधे के क्षेत्र में आप ज्यादा संतुष्टि की तलाश में डटे रहेंगे। जो कामकाज में ज्यादा सुरक्षा के मुद्दों तक जाएगी। कार्यक्षेत्र में आप किसी नई तकनीक का प्रयोग करेंगे। आपको कोई किताब या कोई और पठन सामग्री मिलेगी जो आपके बहुत काम की साबित होगी।

लव- अविवाहितों के लिए समय शुभ रहेगा। प्रेम प्रस्ताव मिलेंगे।
प्रोफेशन- विवाद का शिकार हो सकते हैं। वाणी पर संयम रखें।
हेल्थ-  स्वास्थ्य में कुछ खास परिवर्तन नहीं होगा। सबकुछ सामान्य रहेगा।
करिअर-  मेडिकल और एमबीए के विद्यार्थियों के लिए समय सामान्य रहेगा।

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स्त्री हो या पुरुष को पलंग के नीचे रखना चाहिए ये चीजें

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आज अधिकांश लोगों को ठीक से नींद न आने की शिकायत रहती है। ऐसे में वे कई प्रकार की चिकित्सकीय उपचार अवश्य करवाते हैं, लेकिन यदि नींद की यह समस्या ठीक नहीं हो रही हो तो यहां दी गई बातों का ध्यान हमेशा रखें।
घरों में पलंग के नीचे कुछ न कुछ सामान अवश्य ही रखा जाता है, यह एक सामान्य सी बात है। पलंग या बेड का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। 24 घंटे में से कम से कम 6-8 घंटे हम सोते हैं।
इस बात से स्पष्ट है कि अच्छी नींद के लिए अच्छा बेड होना बहुत जरूरी है। यहां दिए गए फोटो पर क्लिक करें और जानिए पलंग से जुड़ी खास बातें...
 बता रहे है , बिभा कॉलेज के एक्सपर्ट :
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि बेड भी अच्छा हो लेकिन फिर भी उस पर सोने वाले लड़के या लड़की की शादी नहीं हो रही है या अन्य कोई परेशानियां चल रही है तो संभवत: उनके पलंग के नीचे वास्तुदोष उत्पन्न करने वाली वस्तुएं रखी हुई हो सकती हैं। यदि पलंग के नीचे वास्तुदोष होगा तो कई प्रकार के मानसिक तनाव पैदा हो सकते हैं। मन व्यर्थ की बातों में भटक सकता है।
 
विवाह योग्य लड़के और लड़कियां जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या व्यर्थ का सामान नहीं रखना चाहिए। इनसे वास्तुदोष उत्पन्न होता है। ऐसी चीजों के कारण अविवाहित लोगों का मन गलत दिशा में भटकता है। इस वजह से उन्हें विवाह के बाद कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
 
वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांत पर कार्य करता है। अत: ऐसी वस्तुओं से नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है जिससे युवाओं के विचारों में भी नकारात्मकता पैदा होती है। उनका मन व्यर्थ की बातों में भटकने लगता है और उन्हें मानसिक शांति नहीं मिल पाती।
 
कभी-कभी कोई लड़का या लड़की पूर्णतया योग्य है और उसका परिवार भी सभ्य तथा समाज में सम्मान पाने वाला है फिर भी उनकी शादी नहीं हो रही हो तो यह चिंताजनक विषय है। ऐसी परिस्थिति में विवाह योग स्त्री-पुरुष के पलंग के नीचे ध्यान देना चाहिए। यदि पलंग के नीचे गलत वस्तुएं रखी हैं तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। ऐसा करने पर विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
 
पलंग के नीचे वास्तुदोष होने से बुरे सपने आते हैं, विचार अशुद्ध होते हैं, अधार्मिक कृत्य करने का मन बन सकता है। इनसे बचने के लिए पलंग के नीचे की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
 
वास्तुदोष बढ़ाने वाली चीजें जैसे लौहे की बेकार चीजें, अधिक वजन वाला कोई सामान, अनुपयोगी वस्तुएं, पलंग के नीचे ठीक से साफ-सफाई न होना, दवाइयां आदि होना, अधार्मिक वस्तुएं पलंग के नीचे होना, इन बातों से कई प्रकार के दोषों को उत्पन्न होते हैं। अत: पलंग के नीचे साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
 
**ये सभी उपाय अपनी विश्वास पर निर्भर करती है. 
 
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मोटापा कम करने के कुछ बेहद खास प्राचीन आदिवासियों के नुस्खे

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प्रकृति के करीब रहकर इंसान किस कदर अपना स्वास्थ्य बेहतर रख सकता है, इसका सटीक उदाहरण ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में देखा जा सकता है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पातालकोट घाटी के गोंड और भारिया आदिवासियों की बात की जाए या बैतूल जिले के कोरकू जनजाति के लोग, भले ही ये आदिवासी समाज की मुख्यधारा और तथाकथित विकसित होने की दौड़ में ज्यादा पीछे रह गए हों, लेकिन इनके स्वास्थ्य और आयुष की तुलना हम विकसित समाज और शहरों में रहने वाले लोगों से करें तो हमें समझ आ जाएगा कि आखिर विकसित और ज्यादा स्वस्थ कौन है? पिज्जा कल्चर, जंक फूड और अनियमित जीवन शैली ने मोटापा जैसे रोग लाकर हमारे जीवन को भयावह कर दिया है।

मोटापा ना सिर्फ मधुमेह जैसे रोगों को आमंत्रित करता है अपितु समानांतर रोगों का जन्म कारक भी है। क्या वजह है, जो आदिवासियों में मोटापा, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं देखने नहीं मिलती? अपने अनुभवों के आधार पर मैने पाया है कि आदिवासियों का खान-पान, जीवनशैली और वनौषधियां इन सब रोगों को उनके आस-पास तक भटकने नहीं देती। जानने की कोशिश करते हैं आदिवासियों के कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों को जिन्हें अपनाकर आप भी अपने शरीर की चर्बी को कम कर सकते है, लेकिन इन नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ ये भी जानना जरूरी है कि अपनी जीवनशैली को नियंत्रित करना आपके अपने हाथ में है।मेडिकल

मोटापे की समस्या से निजात पाने के कुछ प्राकृतिक नुस्खे बता रहे हैं डॉ पमल   (डायरेक्टर-बिभा मेडिकल कॉलेज  )। डॉ. पमल  पिछले 5 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं। वे वर्तमान में १० से भी जय्दा पत्र -पत्रिका में नियमित रूप से लिखते हैं 
 
  •  आधा चम्मच सौंफ लेकर एक कप खौलते पानी में डाल दी जाए और 10 मिनिट तक इसे ढांककर रखा जाए और बाद में ठंडा होने पर पी लिया जाए। ऐसा तीन माह तक लगातार किया जाना चाहिए, वजन कम होने लगता है।
  • ताजी पत्ता गोभी का रस भी वजन कम करने में काफी मदद करता है। आदिवासियों के अनुसार प्रतिदिन रोज सुबह ताजी हरी पत्ता गोभी को पीसकर रस तैयार किया जाए और पिया जाए तो यह शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करता है। रोचक बात यह भी है कि आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पैरवी करता है कि कच्ची पत्ता गोभी शर्करा और अन्य कार्बोहाइड्रेट को वसा में बदलने से रोकती है और यह वजन कम करने में सहायक है।
  • लटजीरा या चिरचिटा के बीजों को एकत्र करके, किसी मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर भून लिया जाए और एक-एक चम्मच दिन में दो बार फांकी मार ली जाए, बस देखिए कितनी तेजी से फायदा होता है।
    • करेले की अध कच्ची सब्जी भी वजन कम करने में काफी मदद करती है, उत्तर मध्यप्रदेश के आदिवासी सहजन या मुनगा की फलियों की सब्जी को मोटापा कम करने में असरकारक मानते हैं।

     
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अपने लिए जिए तो क्या जिए..

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आप अपनी जिंदगी किस तरह जीना चाहते हैं? हो सकता है, ये सवाल आपको अटपटा लगे, लेकिन है जरूरी, आखिरकार जिंदगी है आपकी! यकीनन, आप जवाब देंगे — जिंदगी तो अच्छी तरह जीने का ही मन है। यह भाव, ऐसी इच्छा, इस तरह का जवाब बताता है कि आपके मन में सकारात्मकता लबालब है, लेकिन यहीं एक अहम प्रश्न उठता है — जिंदगी क्या है, इसके मायने क्या हैं? इस बारे में ‘जीवन का अर्थ’ स्तंभ में हम अनगिन बार चर्चा कर चुके हैं और हर बार यही निष्कर्ष सामने आया है कि दूसरों के भले के लिए जो सांसें हमने जी हैं, वही जिंदगी है पर कोई जीवन अर्थवान कब और कैसे हो पाता है, यह जानना बेहद आवश्यक है।

दरअसल, जीवन एक व्यवस्था है। ऐसी व्यवस्था, जो जड़ नहीं, चेतन है। स्थिर नहीं, गतिमान है। इसमें लगातार बदलाव भी होने हैं। जिंदगी की अपनी एक फिलासफी है, यानी जीवन-दर्शन। सनातन सत्य के कुछ सूत्र, जो बताते हैं कि जीवन की अर्थ किन बातों में है। ये सूत्र हमारी जड़ों में हैं — पुरातन ग्रंथों में, हमारी संस्कृति में, दादा-दादी के किस्सों में, लोकगीतों में। जीवन के मंत्र ऋचाओं से लेकर संगीत के नाद तक समाहित हैं। हम इन्हें कई बार समझ लेते हैं, ग्रहण कर पाते हैं तो कहीं-कहीं भटक जाते हैं और जब-जब ऐसा होता है, जिंदगी की खूबसूरती गुमशुदा हो जाती है।

जीवन की गाड़ी सांसों की पटरी पर सरपट दौड़ती रहे, इसकी सीख भारतीय मनीषा में अच्छी तरह से दी गई है। विशिष्टाद्वैत दर्शन में समझाया गया है कि चित् यानी आत्म और अचित् यानी प्रकृति तव ईश्वर से अलग नहीं है, बल्कि उसका ही विशिष्ट रूप है। आस्थावान लोग इस दार्शनिक बिंदु से अपनी उपस्थिति और महत्व निर्धारित करेंगे, जबकि शैव दर्शन में शिव को पति मानते हुए जीवन को पशु अवस्था में माना गया और पाश यानी बंधन की स्थिति समझाई गई है। यहां शिव की कृपा से बंधन की समाप्ति और ‘शिवत्व’ की प्राप्ति ही मुक्तिदायी बताई गई है। यह दो उदाहरण भर हैं। दर्शन की इन धाराओं में प्रभु और प्रकृति और बंधन व मुक्ति के संदर्भ समझे जा सकते हैं। हालांकि जिंदगी जीने के नुस्खे तरह-तरह के हैं और दर्शन, यानी सत्य के रूप भी बहुरंगी हैं। चार्वाक का दर्शन ही देखिए। वे इसी जगत और जीवन को सबसे अहम बताते हैं। चार्वाक स्वर्ग और नर्क को खारिज करते हुए, वेदों की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाते हैं और मानते हैं कि कोई अमर आत्मा नहीं होती। आस्थावान लोगों के लिए चार्वाक का दर्शन थोड़ा विचलित करने वाला हो सकता है। वे पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि जैसे चार महाभूतों से हमारी देह बनने के उदाहरण देते हैं और बताते हैं कि शरीर यहीं नष्ट भी हो जाता है।

इन तर्को के साथ चार्वाक की यह बात थोड़ी दिलचस्प भी है — ‘यावज्जीवेत् सुखं जीवेत् ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत्’, यानी जब तक जियो, सुख से जियो, कर्ज लेकर घी पियो..।

तो देखा आपने। जीवन जीने के विविध तरीके, बहुतेरे सत्य और कई रास्ते हमारे सामने हैं। ठीक ऐसे ही, जैसे जिंदगी एक तार पर नहीं चलती। समरेखा पर उम्र नहीं गुजारी जा सकती। हाथ की सब अंगुलियां एक बराबर नहीं होतीं, ऐसे ही जीवन का सत्य भी एक सा नहीं होता। अब प्रश्न वही फिर से उठता है, फिर जीवन के लिए आदर्श क्या है। कौन-सा सत्य? कौन-सा दर्शन? इसका जवाब एक ही है — जिंदगी का वह रास्ता, जो आपके मन, तन को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रखे। और यही नहीं, अपने लिए तो कोई पशु भी जी लेता है, जीवन का ऐसा ही पथ श्रेयष्कर है, जो विराट मानव समाज के लिए सुखद और मंगलकारी हो। दर्शन और जीवन की अर्थ तभी है, जब हम इसमें उलझें नहीं, हमारी जिंदगी की गुत्थियां सुलझाते हुए दिव्य मानव बनने की ओर चल पाएं। आप ऐसा करेंगे, यही उम्मीद!
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भिन्न प्रकार के रोग एवं उनके लक्षण

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 बैक्टीरिया से होने वाले रोग
रोग का नाम रोगाणु का नाम प्रभावित अंग
लक्षण
हैजा बिबियो कोलेरी पाचन तंत्र उल्टी व दस्त, शरीर में ऐंठन एवं डिहाइड्रेशन
टी. बी. माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस फेफड़े खांसी, बुखार, छाती में दर्द, मुँह से रक्त आना
कुकुरखांसी वैसिलम परटूसिस फेफड़ा बार-बार खांसी का आना
न्यूमोनिया डिप्लोकोकस न्यूमोनियाई फेफड़े छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
ब्रोंकाइटिस जीवाणु श्वसन तंत्र छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
प्लूरिसी जीवाणु फेफड़े छाती में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी
प्लेग पास्चुरेला पेस्टिस लिम्फ गंथियां शरीर में दर्द एवं तेज बुखार, आँखों का लाल होना तथा गिल्टी का निकलना
डिप्थीरिया कोर्नी वैक्ट्रियम गला गलशोथ, श्वांस लेने में दिक्कत
कोढ़ माइक्रोबैक्टीरियम लेप्र तंत्रिका तंत्र अंगुलियों का कट-कट कर गिरना, शरीर पर दाग
टाइफायड टाइफी सालमोनेल आंत बुखार का तीव्र गति से चढऩा, पेट में दिक्कत और बदहजमी
टिटेनस क्लोस्टेडियम टिटोनाई मेरुरज्जु मांसपेशियों में संकुचन एवं शरीर का बेडौल होना
सुजाक नाइजेरिया गोनोरी प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
सिफलिस ट्रिपोनेमा पैडेडम प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
मेनिनजाइटिस ट्रिपोनेमा पैडेडम मस्तिष्क सरदर्द, बुखार, उल्टी एवं बेहोशी
इंफ्लूएंजा फिफर्स वैसिलस श्वसन तंत्र नाक से पानी आना, सिरदर्द, आँखों में दर्द
ट्रैकोमा बैक्टीरिया आँख सरदर्द, आँख दर्द
राइनाटिस एलजेनटस नाक नाक का बंद होना, सरदर्द
स्कारलेट ज्वर बैक्टीरिया श्वसन तंत्र बुखार

वायरस से होने वाले रोग
रोग का नाम प्रभावित अंग लक्षण
गलसुआ पेरोटिड लार ग्रन्थियां लार ग्रन्थियों में सूजन, अग्न्याशय, अण्डाशय और वृषण में सूजन, बुखार, सिरदर्द। इस रोग से बांझपन होने का खतरा रहता है।
फ्लू या एंफ्लूएंजा श्वसन तंत्र बुखार, शरीर में पीड़ा, सिरदर्द, जुकाम, खांसी
रेबीज या हाइड्रोफोबिया तंत्रिका तंत्र बुखार, शरीर में पीड़ा, पानी से भय, मांसपेशियों तथा श्वसन तंत्र में लकवा, बेहोशी, बेचैनी। यह एक घातक रोग है।
खसरा पूरा शरीर बुखार, पीड़ा, पूरे शरीर में खुजली, आँखों में जलन, आँख और नाक से द्रव का बहना
चेचक पूरा शरीर विशेष रूप से चेहरा व हाथ-पैर बुखार, पीड़ा, जलन व बेचैनी, पूरे शरीर में फफोले
पोलियो तंत्रिका तंत्र मांसपेशियों के संकुचन में अवरोध तथा हाथ-पैर में लकवा
हार्पीज त्वचा, श्लष्मकला त्वचा में जलन, बेचैनी, शरीर पर फोड़े
इन्सेफलाइटिस तंत्रिका तंत्र बुखार, बेचैनी, दृष्टि दोष, अनिद्रा, बेहोशी। यह एक घातक रोग है

प्रमुख अंत: स्रावी ग्रंथियां एवं उनके कार्ये
ग्रन्थि का नाम हार्मोन्स का नाम कार्य
पिट्यूटरी ग्लैंड या पियूष ग्रन्थि सोमैटोट्रॉपिक हार्मोन
थाइरोट्रॉपिक हार्मोन
एडिनोकार्टिको ट्रॉपिक हार्मोन
फॉलिकल उत्तेजक हार्मोन
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन
एण्डीड्यूरेटिक हार्मोन
कोशिकाओं की वृद्धि का नियंत्रण करता है।
थायराइड ग्रन्थि के स्राव का नियंत्रण करता है।
एड्रीनल ग्रन्थि के प्रान्तस्थ भाग के स्राव का नियंत्रण करता है।
नर के वृषण में शुक्राणु जनन एवं मादा के अण्डाशय में फॉलिकल की वृद्धि का नियंत्रण करता है।
कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण, वृषण से एस्ट्रोजेन एवं अण्डाशय से प्रोस्टेजन के स्राव हेतु अंतराल कोशिकाओं का उद्दीपन
शरीर में जल संतुलन अर्थात वृक्क द्वारा मूत्र की मात्रा का नियंत्रण करता है।
थायराइड ग्रन्थि थाइरॉक्सिन हार्मोन वृद्धि तथा उपापचय की गति को नियंत्रित करता है।
पैराथायरायड ग्रन्थि पैराथायरड हार्मोन
कैल्शिटोनिन हार्मोन
रक्त में कैल्शियम की कमी होने से यह स्रावित होता है। यह शरीर में कैल्शियम फास्फोरस की आपूर्ति को नियंत्रित करता है।
रक्त में कैल्शियम अधिक होने से यह मुक्त होता है।
एड्रिनल ग्रन्थि
  • कॉर्टेक्स ग्रन्थि
  • मेडुला ग्रन्थि
ग्लूकोर्टिक्वायड हार्मोन
मिनरलोकोर्टिक्वायड्स हार्मोन
एपीनेफ्रीन हार्मोन
नोरएपीनेफ्रीन हार्मोन
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा उपापचय का नियंत्रण करता है।
वृक्क नलिकाओं द्वारा लवण का पुन: अवशोषण एवं शरीर में जल संतुलन करता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
अग्नाशय की लैगरहेंस की इंसुलिन हार्मोन रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
द्विपिका ग्रन्थि ग्लूकागॉन हार्मोन रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
अण्डाशय ग्रन्थि एस्ट्रोजेन हार्मोन
प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन
रिलैक्सिन हार्मोन
मादा अंग में परिवद्र्धन को नियंत्रित करता है।
स्तन वृद्धि, गर्भाशय एवं प्रसव में होने वाले परिवर्तनों को नियंत्रित करता है।
प्रसव के समय होने वाले परिवर्तनों को नियंत्रित करता है।
वृषण ग्रन्थि टेस्टेरॉन हार्मोन नर अंग में परिवद्र्धन एवं यौन आचरण को नियंत्रित करता है।



विटामिन की कमी से होने वाले रोग
विटामिन
रोग
स्रोत
विटामिन ए रतौंधी, सांस की नली में परत पडऩा मक्खन, घी, अण्डा एवं गाजर
विटामिन बी1 बेरी-बेरी दाल खाद्यान्न, अण्डा व खमीर
विटामिन बी2 डर्मेटाइटिस, आँत का अल्सर,जीभ में छाले पडऩा पत्तीदार सब्जियाँ, माँस, दूध, अण्डा
विटामिन बी3 चर्म रोग व मुँह में छाले पड़ जाना खमीर, अण्डा, मांस, बीजवाली सब्जियाँ, हरी सब्जियाँ आदि
विटामिन बी6 चर्म रेग दूध, अंडे की जर्दी, मटन आदि
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सवेरे गणेशजी की तस्वीर के सामने इस मंत्र उपाय से इच्छाएं होगी पूरी

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जब भी काम की शुरुआत और बिना अड़चनों के लगातार सफलता पाने की आस की जाती है तो हिन्दू धर्म परंपराओं में भगवान श्रीगणेश का ही स्मरण शुभ माना जाता है। व्यावहारिक तौर पर भी ज़िंदगी से जुड़ा कोई भी काम हो अच्छी शुरुआत बेहतर नतीजों को भी नियत कर देती है।
आज के भागदौड़ भरे जीवन या फिर महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की कवायद में कई धार्मिक आस्था रखने वाले लोग देव स्मरण चाहकर भी नहीं कर पाते। इसलिए यहां बताया जा रहा है श्रीगणेश पूजा का चंद मिनटों का उपाय, जिसे खासतौर पर जल्द सुख-सफलता की आस रखने वाले ऐसे लोग समय की कमी होने पर भी अपना सकते हैं। 
विघ्रहर्ता गणेश पूजा का यह उपाय जीवन में आने वाली अनचाही परेशानियों से बचाने वाला भी माना गया है। भगवान श्रीगणेश की उपासना के लिए बुधवार का बहुत महत्व है। इसलिए अगली तस्वीर के साथ जानिए, जल्द और लगातार सफलता के लिए भगवान गणेशजी के स्मरण का यह छोटा-सा तरीका - 

सुबह स्नान के बाद देवालय या भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा या फिर तस्वीर के सामने यह मंत्र बोल कर धूप या अगरबत्ती लगाएं - 
वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तम:।
आघ्रेय सर्वदेवानां धूपो यं प्रतिगृह्यताम।। 
- धूप या अगरबत्ती से आरती कर व लड्डू का भोग लगा इस मंत्र से गणेशजी का ध्यान कर लें- 
अभीप्सितार्थसिद्धयर्थं पूजितो य: सुरासुरै:। 
सर्वविघ्रहरस्तस्मै गणाधिपतये नमो नम:।। 
इसके बाद भगवान श्रीगणेश को प्रणाम कर दिन और काम बिन बाधा पूरा होने की कामना करें। यह उपाय आप कार्यस्थल पर भी पवित्रता का ध्यान रखते हुए अपना सकते हैं।
 
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