Saturday 6 April 2013

6th class - Food: Where does it come from?

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Food: 
Where does it come from? 
All living beings need food for growth and development. What are different types of food variety available and their sources? Learn various plant part as food and animal product as food. Classify animals on the basis of their food habit.  
Things You Must Know
1. The main sources of our food are plants and animals.
2. The edible part of plants can be leaves, fruits, roots, stems or even flowers.
3. Bees collect nectar from flowers and store it in their hive.
4. Animals which eat only plants are called herbivores.
5. Animals which eat only animals are called carnivores.
6. Animals which eat both plants as well as animals are called omnivores.
 Q & A on Food variety and their sources

Q.1.What happens after the seeds sprout?


Q.2.Which parts of a plant are considered edible?

Answer

Q.3.Give five examples of animal products.

Answer

Q.4.What are ingredients?

Answer

Q.5.What is the difference between herbivores and carnivores?

Answer

Q.6.Name any five milk products.

Answer

Q.7.How can you make seeds sprout?

Answer

Q.8.What are omnivores?

Answer

Q.9.How do bees produce honey?

Answer

Q.10.Mention four items eaten by birds.
 
Activity: To show that seeds of many plants are edible in nature.
  1. Corn cobs or bhuttas
  2. Cooking pan with lid
  3. Cooking oil
  4. Glass bowl
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बिभा इंटरनेशनल स्कूल -विकिपीडिया

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बिभा इंटरनेशनल स्कूल (English - Bivha International School), जिसे बिभा अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा एंव विज्ञान विद्यालय के नाम से भी जाना जाता हैं. ये अंतरराष्ट्रीय स्तर की नामचीन संस्था हैं , जिसे डाँ पमल(Dr. Pamal) दुवारा , सुपौल जिला [1]के सिमराही बाजार नामक शहर में 8 मई २०११ को स्थापित किया गया था. ये बिभा अंतरराष्ट्रीय विद्यालय की ओर से चलाई जाने वाली शिक्षण परियोजना है। इस संस्था की स्थापना विशेष रूप से ग्रामीण समुदाय के बच्चों के लिए की गई थी. आज यह गुणवत्ता वाले शैक्षिक और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रदान करने वाले संस्था के रूप में उच्च ख्याति अर्जित की हैं. यह सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने का उत्तम प्रयास करता है। इस विद्यालय का प्रमुख उद्देश् गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुचाना है। ये विद्यालय पूर्णतः आवासीय और गैर मुनाफ़ा प्राप्त करने वाले होते हैं जहाँ विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। प्रवेश हेतु कक्षा शिशु वर्ग से स्नातक वर्ग के विद्यार्थियों के लिये प्रवेश परीक्षा होती है एवं हर वर्ष १८० छात्रों का चयन किया जाता है। वर्तमान में बिभा इंटरनॅशनल स्कूल के ३ शाखाएँ हैं. उत्तम शिक्षा के लिए , इसे "स्कूल ऑफ ईयर" से भी सम्मानित किया गया हैं. यह स्कूल एक ग़रीब और ग्रामीण समुदाय के लिए दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की उच्च गुणवत्ता कार्यक्रम प्रदान करता हैं. वर्तमान में इसकी मुख्य अधिकारिक परिसर : बिभा नलेज पार्क , नेशनल हाईवे नो-१ , पर  स्थित हैं.
साभार - विकिपीडिया 
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Friday 5 April 2013

माँ! याद तो आता नहीं

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माँ!
याद तो आता नहीं
तुम्हारा
गोदी में वो मुझे झुलाना
दूध का अमृतरस चखाना
झुनझुने से मेरा दिल बहलाना
लोरी का वो गुनगुनाना
माथे को प्यार से चूमना
गुदगुदी से हँस हँस हँसाना
उँगली पकड़ चलना सिखाना
पर
याद है, माँ मुझे
हाथ में उँगली थामें लिखवाना
खून पसीने से मेरे जीवन को सींचना
मुश्किलों में हौसले का बँधाना
प्यार में आँसुओं का छलकना
गम में रोऊँ तो सहलाना
आने चाहे तुफ़ानों को रोक लेना
अंधेरे में रोशनी का दिखलाना
पास ना रहूँ, तो याद में रोना
और फिर वो पल
जब-
माँ बेटी का रिश्ता बना दोस्ताना
माँ के इस प्यार की बेल का
चढ़ते ही जाना
इंद्रधनुषी रंग में जीवन को रंग देना
तुम्हारी हँसी में दुनिया पा जाना
जीवन की है यह ज्योति
जलती रहे निरंतर
आशीश रहे सदा माँ का
असीम है माँ का प्यार!
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Free Education in india

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Tips To Handle Last-minute Exam Stress

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 The clock is ticking for students who are all set to take the ISC Board examination starting from February 13. With just a week left, stress levels are likely to be high. The number of sleeping hours must have gone down and students wouldn't let go of their books. Although before the exam, every student experiences this sense of fear, this is not the right approach for preparation. That is why at this point of time I only concentrated on revisions without letting the exam pressure build up.
One should understand that it is not the 'quantitative' effort , but the quality that matters. The emphasis should be on learning to strike a balance between subjects. Practical subjects like accounts and mathematics need continuous practice and theoretical subjects like commerce require a thorough understanding of the concepts.
I never attended any coaching classes. The guidance that I received was from my school teachers. Personally, I believe that 80% of one's success depends on a student's effort, 10% on the strategies students use to tackle exams and the remaining 10% on guidance, either through schools or coaching institutes.
When I was preparing for the exams last year, in the afternoon , I made sure to sleep for half-an-hour to one hour. This kept my energy level high.
While studying, I used to take a 10-minute break after every two hours. During this time, I always interacted with people around me. This helped me concentrate better whenever I got back to studying.
All that is required to crack the exams is sincerity, determination , time-management and self-confidence . My advice to all students appearing for the ISC exams is to remember not to make half-hearted attempts and that there are no shortcuts to success.
Article Source: http://timesofindia.indiatimes.com/home/education/board-exams/Success-mantra-and-tips-to-handle-last-minute-exam-stress/articleshow/11775208.cms
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CBSE Science Practice Paper 2013 Set 1

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CBSE Science Practice Paper 2013 Set 1, given here.

1. Name the part of the eye

a. That controls the amount of light entering into the eye.

b. That has real, inverted image of the object formed on it.
2. Draw the structure of pentanal (C4H9CHO)
3. Which of the following belong to the first tropical level? Grasshopper, Rose Plant, Neem plant, Cockroach, vulture.
4. How is depletion of ozone layer in the atmosphere responsible for causing skin cancer?
5. A person can read the number plate of a distant bus clearly but he finds difficulty in reading a book. What type of defect of vision he is suffering from? Name the type of lens he needs to correct this defect. Write the cause of that defect.
6. What is meant by Refractive index? If the speed of light in a medium is 2/3rd of the speed of light in vacuum, find the refractive index of that medium.
7. Explain, why sun appears white when it is over head at noon?
8. Why do we need to use coal and petroleum judiciously?
9. State modern periodic law. Why are isotopes of elements having different atomic masses placed at the same position in the periodic table?
- See more at: http://www.bivha.in
To get more practice set Free , Ask or, Call : Bivha International School Helpline – +91 8986 054337
Bivha International School ,, Only school in supaul having permanent affiliation with various board (such as : CBSE,Bihar Board, ICSE,I.sc).
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नर्सिंग -Nursing ANM & DNM

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Nurshing Course , para medical education

परिचय

नर्सिंग (परिचर्या) के बारे में तो कुछ कहने की ही ज़रुरत नहीं है. हम सभी जानते हैं कि यह कितना श्रेष्ठ व पवित्र कार्य है. हालांकि यह युगों-युगों से चलता आ रहा है परन्तु इसे नर्सिंग प्रोफेशन के रूप में ख्याति महान अंग्रेज़ नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के कार्यों से मिली. इन्हीं दया की देवी को आधुनिक नर्सिंग प्रोफेशन का जनक माना जाता है.
सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोगियों की देखभाल करने को ही नर्सिंग (परिचर्या) कहते हैं. नर्स को मरीजों की लगातार देखभाल करनी होती है तथा डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाओं को बताये गए समयानुसार देती हैं. ये मेडिकल डॉक्टरों व विशेषज्ञों की ऑपरेशन थियेटर तथा प्रयोगशाला में उपकरण इत्यादि संयोजित करने में सहायता भी करती हैं. परिचारिकायें उन रोगियों की भी सहायता करती हैं जो किसी कारणवश सामान्य ज़िंदगी नहीं जी सकते हैं तथा ये रोगियों को किसी लम्बी बीमारी की स्थिति में उनके पुनः सामान्य जीवन की तरफ लौटने में मदद करती हैं. इन सामान्य कार्यों के अलावा परिचारिकाएं निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकती हैं: प्रसव, ह्रदय रोगों में देखभाल, इंटेंसिव केयर, विकलांग तथा बच्चों की देखभाल इत्यादि.
नर्स केवल बीमार लोगों की देखभाल करने के बारे में ही नहीं है. नर्सों के लिए अन्य उपलब्ध अवसर भी हैं: शिक्षण, प्रशासन अनुसंधान से जुड़े जॉब. इस क्षेत्र का सबसे रोचक तथ्य है कि इसमें ज़्यादातर महिलाएं ही होती हैं हालांकि अब पुरुषों ने भी इस प्रोफेशन में रूचि दिखाना शुरू कर दिया है.

चरणबद्ध प्रक्रिया

नर्स (परिचर्या) बनने के इच्छुक लोग विभिन्न स्तरों से इस की शुरूआत कर सकते हैं. आप सहायक नर्स मिडवाइफ/हेल्थ वर्कर (एएनएम) कोर्स से शुरू कर सकते हैं. इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि डेढ़ वर्ष है तथा न्यूनतम योग्यता है- दसवीं पास.  इसके अलावा आप जनरल नर्स मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स भी कर सकते हैं जो की साढ़े तीन वर्षो का होता है तथा इसके लिए न्यूनतम योग्यता है – 40 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में बारहवीं उत्तीर्ण.
एएनएम व जीएनएम के अलावा देश भर में फैले हुए विभिन्न नर्सिंग स्कूलों व कॉलेजों से नर्सिंग में स्नातक भी किया जा सकता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता है- 45 प्रतिशत अंकों के साथ अंग्रेज़ी, भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में बारहवीं उत्तीर्ण तथा आयु कम से कम 17 वर्ष. बीएससी नर्सिंग (बेसिक के पश्चात) पाठ्यक्रम के लिए आप दो वर्ष के रेगुलर कोर्स या त्रिवर्षीय दूरस्थ शिक्षा वाले पाठ्यक्रम में से किसी एक को चुन सकते हैं. रेगुलर कोर्स के लिए जहां न्यूनतम योग्यता है- 10+2+जीएनएम, वहीं दूरस्थ शिक्षा से यह कोर्स करने के लिए न्यूनतम योग्यता है- 10+2+जीएनएम+ दो वर्ष का अनुभव. यह पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कोर्स ही आधुनिक माना जाता है.
भारतीय रक्षा सेवाओं द्वारा संचालित बीएससी (नर्सिंग) कोर्स के लिए 17 से 24 वर्ष की महिलाओं का चयन किया जाता है. यहाँ भी न्यूनतम योग्यता भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान तथा अंग्रेज़ी विषयों में 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं है. प्रार्थी को एक लिखित परीक्षा भी पास करनी होती है. उसे शारीरिक रूप से भी फिट रहना चाहिए. चयनित लोगों को रक्षा सेवाओं के लिए पांच वर्ष का अनुबंध करना होता है.
किसी भी आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी प्राप्त करने के लिए जीएनएम अथवा बीएससी ही पर्याप्त होता है.  प्रत्येक राज्य में नर्सों को रजिस्टर करने वाली अलग-अलग संगठन होते हैं. शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप अपने राज्य की नर्सिंग काउंसिल में अपना पंजीकरण करा सकते है. पंजीयन आपको जॉब प्राप्त करने में सहायता करता है.
नर्सिंग के बेसिक कोर्स के अलावा आप पोस्ट-बेसिक स्पेशियलिटी (एक-वर्षीय डिप्लोमा) कोर्स करके निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं:
१. कार्डिएक थोरेकिक नर्सिंग
२. क्रिटिकल-केयर नर्सिंग
३. इमरजेंसी एवं डिजास्टर नर्सिंग
४. नए-जन्मे बच्चे की परिचर्या (नियो-नेटल नर्सिंग)
५. मस्तिष्क-संबंधी रोगों में परिचर्या (न्यूरो नर्सिंग)
६. नर्सिंग शिक्षा एवं प्रशासन
७. कर्क-रोग संबंधी नर्सिंग (ऑनकोलोजी नर्सिंग)
८. ऑपरेशन-रूम नर्सिंग
९. विकलांग चिकित्सा नर्सिंग
१०. मिड वाइफरी प्रैक्टिशनर
११. मनोरोग परिचर्या (साइकैट्रिक नर्सिंग)
जो छात्र उच्चतम शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं वह एमएससी, एमफिल तथा पीएचडी भी कर सकते हैं.

पदार्पण

यदि आप नर्सिंग को ही अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं तो १०वीं के उपरान्त ही एएनएम कोर्स के लिए आवेदन करना बेहतर रहेगा अन्यथा आप स्कूलिंग करने के उपरान्त जीएनएम या बीएससी कोर्स कर सकते हैं.

क्या यह मेरे लिए सही करियर है?

मानवता की सेवा के लिए नर्सिंग की जॉब बहुत ही उद्देश्यपूर्ण है. यदि आप लगनशील हैं, आपमें दृढ़ इच्छाशक्ति है तथा रोगियों और दुखियों की सेवा करने का जूनून है और तनावपूर्ण परिस्थितियों में लम्बे समय तक काम करने की क्षमता है तो यह आपके लिए सही करियर है. नयी तकनीकों को आत्मसात करने तथा विभिन्न परिस्थितियों को संभालने की क्षमता रखना इस व्यवसाय की दो प्रमुख मांगें हैं.

खर्चा कितना आएगा?

नर्सिंग की पढ़ाई का खर्च संस्थान पर निर्भर करता है. सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज, निजी संस्थानों की अपेक्षा कम दर पर शिक्षा मुहैय्या कराते हैं. निजी संस्थान बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए 40,000 से 1,80,000 तक वार्षिक फीस वसूलते हैं. जीएनएम कोर्स के लिए यहाँ फीस होती है- 45,000 से 1,40,000 के बीच.

छात्रवृत्ति

कई संस्थान योग्य छात्रों को मेरिट के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं. छात्रवृत्ति एवं उसकी अवधि भिन्न संस्थानों में भिन्न होती हैं. नर्सिंग के लिए बिभा इंटरनेशनल स्कूल , सालाना 22,000 की छात्रवृति प्रदान करती हैं

रोज़गार के अवसर

नर्स कभी भी बेरोजगार नहीं रहतीं हैं. इन्हें आसानी से सरकारी अथवा निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, आरोग्य निवास, विभिन्न अन्य उद्योगों एवं रक्षा सेवाओं में नौकरी मिल जाती है. इनके लिए इन्डियन रेड-क्रॉस सोसाइटी, इन्डियन नर्सिंग काउंसिल, स्टेट नर्सिंग काउन्सिल्स तथा अन्य नर्सिंग संस्थानों में भी कई अवसर हैं. यहाँ तक कि एएनएम कोर्स के बाद ही इन्हें सारे देश में फैले हुए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर प्राथमिक स्वास्थय सेवक के रूप में नौकरी मिल जाती है.
नर्सें मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा प्रशासनिक कार्य भी कर सकती हैं.  उद्यमी लोग अपना खुद का नर्सिंग ब्यूरो शुरू कर सकते हैं तथा अपनी शर्तों पर काम कर सकते हैं.
देश में ही उपलब्ध अपार अवसरों के अलावा  नर्सें बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश भी जा सकती हैं जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग प्रमाणपत्र प्राप्त करना होता है तथा सम्बंधित देश में प्रवास की कुछ शर्तों का पालन करना होता है.

वेतनमान

इस क्षेत्र में शुरूआती तौर पर आपको 7 से 17 हज़ार रूपये तक मासिक वेतन मिल सकता है.  मिड-लेवल पदों पर नर्सें 18 से 37 हज़ार रूपये प्राप्त कर लेती हैं.  अधिक अनुभवी नर्सों को 48 से 72 हज़ार रूपये तक भी मासिक वेतन के रूप में मिल सकते हैं.  यूएस, कनाडा,  इंग्लैण्ड व मध्य-पूर्व के देशों में रोज़गार पाने वाली नर्सों को इससे भी अधिक वेतन मिलता है.

मांग एवं आपूर्ति

तेज़ी से बढ़ती जनसंख्यां के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण देश में नर्सों की कभी न समाप्त होने वाली मांग बन चुकी है. हालांकि इस बढ़ती मांग की तुलना में आपूर्ति बहुत कम है.
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, सारे देश में नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत नर्सों की संख्या 10.3 लाख है परन्तु वास्तव में इनमें से केवल 4 लाख नर्स ही कार्यरत हैं.  इनमें से ज़्यादातर नर्स या तो सेवानिवृत्त हो चुकी हैं या शादी कर चुकी हैं. इनमें से कुछ नर्सें विदेश चली गयी हैं. इसलिए इस क्षेत्र में मांग एवं आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है.

मार्केट वॉच

स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता की वजह से इस क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पहले से कहीं ज्यादा हैं. आज ज्यादा से ज्यादा अस्पताल एवं नर्सिंग होम स्थापित हो रहे हैं. सरकार भी अपनी तरफ से नर्सिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. सरकार ने अभी हाल ही में 130 एएनएम तथा इतने ही जीएनएम स्कूल स्थापित करने की योजना बनायी है. इसके अलावा राज्यों की नर्सिंग काउंसिल व नर्सिंग सेल को मजबूत बनाने की भी योजना है. इन योजनाओं में देश भर में नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करना भी शामिल है.
सरकार ने तो अस्पतालों को बिना स्नातक कोर्स संचालित किये एमएससी  कोर्स  चलाने की भी अनुमति दे दी है. नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले की न्यूनतम योग्यताओं में भी ढील दी गयी है जिससे कि अब विवाहित महिलाएं भी इसमें प्रवेश पा सकें.

अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन

विदेशों में उच्च शिक्षित नर्सों की बहुत मांग है. भारत कई देशों में नर्सों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है.  अच्छे पैसे व बेहतर रहन-सहन की चाहत में अनुभवी भारतीय नर्सें विदेशों का रुख करने लगी हैं. देश में नर्सों की संख्या में कमी की एक बड़ी वजह यह भी है

सकारात्मक/नकारात्मक पहलू

सकारात्मक
1. यह एक सुरक्षित प्रोफेशन है.
2. इस क्षेत्र में अवसरों की कमी नहीं है चाहे वह देश में हों या विदेश में.
3. आप रोगियों को ठीक होते हुए देखकर संतुष्ट हो सकतीं हैं.
नकारात्मक
4. साधारणतः नर्सें शिफ्ट में काम करती हैं और रात की ड्यूटी एक बहुत साधारण बात है.
5. तनावपूर्ण परिस्थितियाँ मन तथा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं.
6. दया की इन देवियों द्वारा किये गए कार्य अक्सर गुमनामी के अंधेरों में खो जाते हैं.
7. विवाहित और पारिवारिक जीवन के बाद ये कार्य बहुत मुश्किल हो जाता है.

भूमिका एवं पदनाम

नर्स का पहला काम है- ज़रूरतमंद लोगों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना तथा उनकी देखभाल करना.  फिर भी उनके कामों को निम्न भागों में विभक्त किया जा सकता है:
जनरल नर्स: इस श्रेणी की नर्सें अस्पताल,  नर्सिंग होम व अन्य मिकल संस्थानों में कार्य करती हैं.  इनका कार्य मरीजों की देखभाल करना, डॉक्टर की सहायता करना एवं प्रशासनिक कार्यों का निष्पादन करना होता है.
मिड-वाइफ: ये नर्सें गर्भवती महिलाओं की देखभाल तथा प्रसव के दौरान डॉक्टरों की सहायता करती हैं.
स्वास्थ्य-सेविका: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना इनका कार्य होता है.
इनके अलावा विशेषज्ञता जैसे विकलांग चिकित्सा नर्सिंग, कर्क-रोग संबंधी नर्सिंग (ऑनकोलोजी नर्सिंग), कार्डिओ थोरेकिक नर्सिंग, मनोरोग परिचर्या (साइकैट्रिक नर्सिंग) और क्रिटिकल-केयर नर्सिंग इत्यादि के आधार पर भी इन्हें वर्गीकृत किया जा सकता है.

अग्रणी कम्पनियों की सूची

1.बिभा चाइल्ड फण्ड
2. इन्डियन नर्सिंग काउंसिल, विभिन्न राज्य-स्तरीय नर्सिंग काउंसिल
3. विभिन्न नर्सिंग स्कूल एवं संगठन
4. सभी प्रकार के अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स
5. रक्षा सेवा
6. शिक्षण संस्था तथा उद्योग
7. अनाथाश्रम तथा वृद्धाश्रम जैसे विशेष संसथान
   इन्डियन रेड-क्रॉस सोसाइटी

रोज़गार प्राप्त करने के लिए सुझाव

1. किसी प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा अवश्य करें.
2. किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा.
3. रोज़गार प्राप्त करने की सबसे महत्वपूर्ण शर्त है की स्वयं को किसी भी राज्य की नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत कराना.
4. चूंकि नर्सों को हमेशा रोगियों तथा अन्य मेडिकल स्टाफ से बात करनी होती है अतः उनकी संवाद क्षमता उच्च स्तर की होनी चाहिए.
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