Friday 5 April 2013

Paramedical education in Bivha Medical College

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School of Paramedical Sciences

The continuous expansion of the health care industry brings with it a growing demand for trained paramedical professionals. In order to cater to this demand to whatever extent possible, Bivha Medical College  has recently entered the field of paramedical education with the introduction of diploma courses in subjects such as Medical Laboratory Technology, Electrocardiogram Technology, Medical Radiographic (x-ray) Technology, Operation Theatre Technology and Biomedical instrumentation.
A Paramedic is a professional who helps the doctors in specialized areas and facilitates for better diagnosis, treatment and therapy. The increase in number of patients, variety of diseases & the demand for immense treatment have paved the way for Paramedical Professionals who are expert technicians or therapists providing better quality to human health care.
Paramedics are the key players in the Health & Medical Sector. Without paramedics, the entire Health Industry is out of gear and is almost non-functionary. If there are no Paramedics, there is neither money nor any profit for doctors, hospitals, private clinics, etc. (In general the entire health sector).
Our courses are approved by Govt. of India HRD (Department of Science and Technology), recognized By AICTE (All India Council for Technical Education) and Affiliated to State Board of Technical Education. We offer regular mode of teaching and supplemented by an intensive and rigorous practical training that equips the students with knowledge of the latest techniques and trends so that on completion they can emerge as fully trained and confident professionals.


Programme fee per Annum
Sl.No    Particulars    1st Year    2nd Year    3rd Year
1    Admission fee    5,000/-        
2    Tuition Fee    22,200/-    15,200/-    22,200/-
3    Clinical Fee    3,000/-    3,000/-    3,000/-
4    Library Fee    1200/-    1200/-    1200/-
5    Development Fee    3000/-    3000/-    3000/-
6    BSA(BIS Student Association)      700/-      700/-      700/-
     


Diploma Level Courses     Degree Level Courses
COURSES OFFERED     1.    Medical Lab Technology,
2.    ECG-EEG Technology,
3.    X Ray / CT Technology,
4.    Operation Theater,
5.    Bio Medical Instrumentation.    Medical Lab Technology,
 

  • Radiology Imaging Services.
  • Medical Instrumentation, 
  • Bio Medical Instrumentation, 
  • Dental Technology, 
  • Operation Theater, 
  • Physiotherapy.

Recognized By     AICTE (All India Council of Technical Education) New Delhi.     L P U 
 

Approved By     Science and Technology & Health Department Govt. of India    I G  N OU
 

Duration of Courses     2 years     3 Years
 

Affiliated to     SMU (Manipal)/KSOU/IGNOU   
 

Medium of Instruction     English/Hindi     English
 

Eligibility     10th     Intermediate / 10+2 (Science) 
 

Selection Procedure     Entrance Exam / BIS Combined Test Direct admission for  BIS Students    Entrance Exam / Direct admission for  BIS Students





Education Loan also available from PNB & Bivha Finance Corporation 
 
 For details Please contact : +91 800-2585971 , 08986054337
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शरीर को करें अंदर से साफ

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मौजूदा जीवन शैली के खान-पान, रहन-सहन और कामकाजी तनाव की वजह से शरीर को कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसकी जड़ में कई किस्म के जहरीले तत्व (टॉक्सिंस) मौजूद रहते हैं, जिनसे निजात पाना जरूरी है। शरीर और मन को नई ऊर्जा देने के लिए जरूरी डिटॉक्सिफिकेशन के कारगर तरीकों पर सुधीर गोरे की रिपोर्ट
नवंबर की दीवाली, दिसंबर में नए साल का जश्न, जनवरी में जन्मदिन और फरवरी में दोस्त की शादी जैसे यादगार मौके का मजा अच्छी दावत के बिना अधूरा है। मौज-मस्ती के ये ऐसे मौके हैं, जब खाने-पाने पर रोक-टोक बेअसर रहती है। इन दावतों में सेहत को चुनौती देने वाले आहार भी शामिल रहते हैं। साथ ही बढ़ते प्रदूषण और तनाव की वजह से हमारे शरीर में कई ऐसे तत्व बनते हैं, जो टॉक्सिंस यानी जहर का काम करते हैं। ये जहरीले पदार्थ हमारे लिवर में जमा हो जाते हैं, तो त्वचा को बेजान कर देते हैं, नींद पूरी नहीं होने देते और हर समय थकान लगती है। इनसे कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इस धीमे जहर से छुटकारा पाना बेहद जरूरी है, जो दबे पांव शरीर में दाखिल होता है। इस जहर को काटने की प्रक्रिया डिटॉक्सिफिकेशन के जरिए इन सब टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है। 
क्या है डिटॉक्सिफिकेशन?
आसान शब्दों में कहा जाए, तो यह शरीर को उन तत्वों से निजात दिलाता, जो हमें नुकसान पहुंचाते हैं। क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. इशी खोसला के मुताबिक, ‘शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से निजात दिलाने के लिए इलाज की अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं डिटॉक्सिफिकेशन या डिटॉक्स। इनमें भरपूर पानी और जूस पीना, सलाद और पाचक पदार्थ खाने के अलावा उपवास रखना, एनीमा के जरिए पेट की सफाई या मलावरोध दूर करने के उपाय शामिल हैं।’ डिटॉक्स शरीर और दिमाग को स्वस्थ और तरोताजा रखने की प्रक्रिया है। इससे मानसिक तनाव और दूसरे विकार दूर भागते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक लगातार थकान, अपच, कब्ज, मोटापा, बार-बार जुकाम और बुखार, तनाव, अक्सर सरदर्द, नींद न आना या जरूरत से ज्यादा सोना, जोड़ों में दर्द, निराशा, अवसाद और सेक्स के प्रति अनिच्छा आदि शरीर में टाक्सिंस बढ़ने के लक्षण हैं। इन हालात में डिटॉक्स जरूरी हो जाता है। लेकिन जानकारों का कहना है कि बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के कई तरीके हैं और कोई भी डिटॉक्स प्रोग्राम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूरी है। 
कैसे करें डिटॉक्स?
 शरीर को डिटॉक्स करने के कई तरीके और उत्पाद बाजार में आए और कुछ पर सवाल भी उठे हैं, लेकिन नई रिसर्च के मुताबिक आधुनिक चिकित्सा के साथ ही परंपरागत सेहतमंद आहार भी दवा का काम करता है। डॉ. खोसला के मुताबिक, कुछ दिनों की स्पेशल डिटॉक्स डाइट लेना या उपवास के रूप में अनियमित रूप से भूखे रहना डिटॉक्स का कारगर उपाय नहीं है। हेल्दी डाइट और योग सहित नियमित फिजिकल एक्सरसाइज जरूरी है। डॉ. खोसला के मुताबिक इसके पांच सबसे अच्छे तरीके हैं:
1. खान-पान में सब्जियां, फल, मेवे और बीज (अलसी, सूरजमुखी आदि)
2. तरल पदार्थो का सेवन करें
3. चीनी, प्रोसेस्ड और तली हुई 
चीजें कम खाएं 
4. शराब कम पिएं 
5. सिगरेट से दूरी बनाएं
व्रत रखिए, डिटॉक्स कीजिए
अगर पेट को कुछ आराम मिले तो शरीर की ऊर्जा लौटती है। यही वजह है कि व्रत से डिटॉक्सिफिकेशन की परंपरा रही है। आधुनिक मेडिकल साइंस ने भी इसकी अहमियत को माना है। हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़ी न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रशेल हिंड के मुताबिक, ‘व्रत से आप शरीर को एक अहम बदलाव का संकेत देते हैं। इसके बाद सेहतमंद भोजन आपके शरीर पर तेजी से अच्छा असर डालता है।’ आम लोग संतुलित आहार के साथ उपवास करें तो बेहतर है। उनके मुताबिक शुरुआत में ही पूरी तरह भूखा रहना जरूरी नहीं है। इसके पांच विकल्प हैं: (1) दिन भर सिर्फ फल, सब्जियां, मेवे और सीड्स खाना, (2) दिन में एक बार भोजन करना जिसमें सिर्फ फल और चावल से बनी चीजें शामिल होंे, (3) दिन भर सब्जियों के सूप या जूस पीना, (4) एक बार खिचड़ी या सलाद का सेवन और (5) दिन की शुरुआत में नाश्ते से पहले 16 घंटे भूखे रहना।
आयुर्वेदिक और यूनानी डिटॉक्स
आयुर्वेद हमेशा से डिटॉक्स पर जोर देता रहा है। इसलिए आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के कई सेंटर इन दिनों डिटॉक्स पैकेज पेश कर रहे हैं। आयुर्वेदिक डिटॉक्स में डिटॉक्स फुट स्पा और बाथ भी शामिल हैं। केरल की मशहूर पंचकर्म पद्धति भी डिटॉक्स का ही एक रूप है। आयुर्वेदिक डिटॉक्स में विशेष तेलों से मसाज,  स्टीम बाथ, औषधीय तेल को सिर पर गिराकर तनाव कम करना, एनीमा से पेट साफ करवाना, नस्यम के अंतर्गत नाक में दवा डालना और औषधि वाले द्रव से गरारे करना शामिल है। यूनानी चिकित्सा पद्घति के मुताबिक, शरीर को नुकसान देने वाले टॉक्सिंस से बचाना और लिवर को दुरुस्त करना डिटॉक्सिफिकेशन  है। 
नींद बड़ी जरूरी 
शहरी जीवनशैली का तनाव, दफ्तर में लगातार काम का दबाव या देर रात टीवी देखने की आदत की वजह से थकान खत्म होने का नाम ही नहीं लेती। देर रात की बजाय जल्दी सो जाएं, तो यह शरीर के लिए बेहतर होगा। 7-8 घंटे की नींद शरीर से थकान और दर्द दूर कर देती है। सोते समय कमरे का तापमान संतुलित रहना चाहिए। 
पसीना बहाओ, मसाज कराओ 
पसीने से टॉक्सिंस निकल जाते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की ज्यादा खपत होती है। जरूरत और क्षमता के मुताबिक आप जॉगिंग, तेजी से चलना या एरोबिक्स कर सकते हैं। योग करने वाले कपालभाति, योग मुद्रा, पवनमुक्तासन और मेडिटेशन कर सकते हैं। डेस्क जॉब करने वाले या कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों का शरीर लंबे समय तक एक ही मुद्रा में रहता है, ऐसे में मसाज और इसके बाद गरम पानी से नहाना फायदेमंद है। मसाज के लिए तेल का चुनाव अपनी त्वचा और शरीर की प्रकृति के हिसाब से करना चाहिए, तभी सही रहता है। 
सावधानी भी बरतें
जो लोग बीमार हैं उन्हें डॉक्टर की देखरेख में ही डिटॉक्स डाइट या प्रोग्राम अपनाना चाहिए। अगर यह घरेलू नुस्खों पर आधारित हो तो भी इसके साथ चलने-फिरने, रस्सी कूदने, तैरने जैसी वर्जिश की भी सलाह दी जाती है। कई डिटॉक्स प्रोग्राम और प्रोडक्ट चलन में हैं और इन्हें अपनाते वक्त लिवर को कोई नुकसान न हो, इसका खास ध्यान रखें। लिवर डिटॉक्स के लिए शराब, तले पदार्थ, चीनी, रिफाइंड काबरेहाइड्रेट्स, प्रोसेस्ड फूड आदि से परहेज करना चाहिए। ज्यादा पानी पीना और हरी सब्जियां खाना अच्छा है।

<div class="message_box note">किसी की देखरेख में ही डिटॉक्स डाइट या 
प्रोग्राम अपनाना चाहिए </div>
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Bread Pizza

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Ingredients
 
4 Bread Slices
1 Capsicum (sliced)
1 Tomato (sliced)
4 Mushrooms (sliced)
2 Onions (sliced)
1 Tbsp Butter
4 Tbsp Mozzarella 
Cheese (grated)
1 pinch Salt
1 pinch Sugar
2 Tbsp Pizza Sauce
 
Directions
 
Heat butter in a pan. Add vegetables to it and fry them until brown and soft. 
 
Add salt and sugar to the vegetables. Cook and stir till water evaporates from the veggies.
 
Take a bread slice and cover it with pizza sauce. 
 
Spread the vegetable mixture on the bread and garnish it with mozzarella cheese. 
 
Grill the bread in an oven or tawa for 3-4 minutes, or till the bread is crispy and the cheese melts. 
 
Your Bread Pizza is ready. Serve it with tomato ketchup
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Corn Bhel

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Ingredients
 
1 cup cooked sweet corn
1/2 tomato chopped finely
1/2 onion chopped finely
Salt to taste
Chaat masala to taste
Sev
Finely chopped coriander leaves
 
Mix up all the ingredients well just before serving and a healthy snack is ready.
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कहानी मुर्ग़े की

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एक दिन बाज ने कहा ‘मियां मुर्ग़े, तुम बड़े ही बेवफ़ा,बेमुरव्वत और नाशुक्रे हो। देखो आदमी किस मुहब्बत से तुम्हें पालते और दाने-पानी की ख़बर लेते हैं, फिर भी तुम्हारा हाल यह है कि मालिक पकड़ना चाहता है, तो भागे-भागे फिरते हो। ख़ुद भी थकते हो और मालिक को भी थकाते हो।’‘मुझको देखो, जंगल का पखेरू, पहाड़ का परिन्दा, हवा पर उड़ने वाला, मगर जहां दो-चार दिन रहा आदमियों में, बस उनकी ख़ौफ से वाक़िफ़ हुआ और उनका नमक खाया, फिर तो ऐसा मुतीय और फ़रमाबरदार होता हूं कि इशारों पर काम करता हूं। जब शिकार पर छोड़ते हैं, तो पंजे झाड़कर उसके पीछे पड़ता हूं। कोसों दूर निकल जाता हूं, मगर अपने आक़ा को नहीं भूलता। जरा वापसी का इशारा पाया, ख़ुशी-ख़ुशी उड़ता चला आया।
 
मुर्ग़ ने जवाब दिया, ‘मियां बाज, इसमें शक नहीं कि तुम बड़े शिकारी हो, बुलंद हिम्मत हो, चुस्तो-चालाक हो, लेकिन भाई, कुसूर माफ़, तुममें बात समझने की लियाक़त है नहीं। अगर तुम थोड़ा ग़ौर करते और मेरी और अपनी हालत का फ़र्क़ पहचानते, तो हरगिज़ बेवफ़ाई और कजअदाई का ताना मुझको न देते। मैंने सैकड़ों मुर्ग़ हलाल होते और सींक पर भुनते अपनी आंखों से देखे हैं, मगर तुमने किसी बाज को जिबाह होते या कबाब किए जाते देखा तो क्या, कभी सुना भी न होगा। इस सूरत में अगर मैं चौकन्ना रहूं और मालिक की तरफ़ से मेरे दिल में दुकुड़-पुकुड़ हो, तो मैं अक्लमंदों के नजदीक माना जाऊंगा, मलामत के क़ाबिल नहीं। और तुम अपने आक़ा पर इत्मीनान रखो, तो कुछ तारीफ़ के मुस्तहि़क नहीं हो।’
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घर पर कोई है?

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आदमी- बेटा पापा घर पर हैं?
बच्चा- अंकल पापा तो बाजार गए हैं।
आदमी- चलो बड़े भाई को बुला दे।
बच्चा- जी वो क्रिकेट खेलने गए हैं।
आदमी- बेटा मम्मी तो होंगी घर पर?
बच्चा- जी वो तो किटी पार्टी में गई हैं।
आदमी (गुस्से में)- तो बेटा तुम घर पर क्यों बैठे हो, तुम भी कहीं चले जाओ।
बच्चा- जी मैं भी तो अपने दोस्त के घर आया हुआ हूं।

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आलू तिल का सलाद - Potato Sesame Salad

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आलू और तिल का सलाद सभी को पसंद आने वाला ज़ायका है. नेपाल में आलू तिल का आचार कहे जाने वाले इस स्लाद को तिल के तेल में बनाय जाता है लेकिन ये सलाद जैतून के तेल में (आलिव आयल) और भी ज़्यादा स्वादिष्ट बनता है.

ज़रूरी सामग्री:

  • आलू - 4 मध्यम आकार के
  • नमक - 1/2 छोटी चम्मच ( स्वादानुसार)
  • हरी मिर्च - 2 (बीज हटाकर बारीक कतर लीजिये)
  • नीबू का रस - 1 छोटी चम्मच
  • अदरक - आधा इंच टुकड़ा (बारीक कटा)
  • आॉलिव आॉयल - 2 छोटे चम्मच
  • तिल - 2 छोटे चम्मच
  • हरा धनियां - 2 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)
  • पुदीने के पत्ते - 2 टेबल स्पून

बनाने की विधि:

आलू को उबाल लें. अब इन्हें लगभग 1 घंटे के बाद ठंडा करके छील लें और टुकडों में काट लें. ठंडा करके छीलने से आलू भुरभुरे नहीं रहते और अच्छे से कटते हैं. हर आलू से 4-6 टुकडे़ कर लें.
तिल को किसी पैन या तवे पर भून कर हल्का बाउन कर लें.
अब कटे हुए आलू में भुने हुए तिल, नमक, अदरक, हरी मिर्च, नींबू क रस और ओलिव ओयल डाल कर सबको अच्छे से मिला लें.
पुदीने की पत्तियां और हरा धनिया डाल कर सजाएं. आपका आलू तिल का सलाद तैयार है. इसे प्लेट में डालकर हरी धनिया से सजाएं और सर्व करें.
कम भूख में आप आलू तिल के सलाद को स्नैक्स के रूप में भी खा सकते हैं.
Source : Bivha Hotels Pvt Limited , Nisha Mathur 
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