(22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाया जाता
है . इस अवसर पर अनेक कार्यक्रम का आयोजन 22 से 24 मार्च को आयोजित किया
जां रहा है . बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाये )
बिहार
जय - जय बिहार की भूमि, तुम्हें शत नमन हमारा.
तेरी महिमा अतुलनीय , यश तेरा निर्मल - न्यारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
फली - फुली सभ्यता - मानवता , तेरी ही गोदी में.
बिखरी है चहुँओर सम्पदा , इस पावन माटी में.
जली यहीं से ज्योति ज्ञान की, चमका विश्व ये सारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
राजनीति या धर्मनीति हो, शास्त्रनीति या शस्त्रनीति हो.
उद्गम - स्थल यहीं है सबका, रीति - रिवाज़ या संस्कृति हो.
ज्ञान - विज्ञान , साहित्य - कला की, यहीं से फूटी धारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
महावीर और गुरु गोविन्द की, जन्मभूमि यह धरती.
गौतम - गांधी - बाल्मीकि की, कर्मभूमि यह धरती.
गणतंत्र को सबसे पहले, इस धरती ने उतारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
------ सतीश मापतपुरी
---- जय बिहार - जय भारत ------
बिहार
जय - जय बिहार की भूमि, तुम्हें शत नमन हमारा.
तेरी महिमा अतुलनीय , यश तेरा निर्मल - न्यारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
फली - फुली सभ्यता - मानवता , तेरी ही गोदी में.
बिखरी है चहुँओर सम्पदा , इस पावन माटी में.
जली यहीं से ज्योति ज्ञान की, चमका विश्व ये सारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
राजनीति या धर्मनीति हो, शास्त्रनीति या शस्त्रनीति हो.
उद्गम - स्थल यहीं है सबका, रीति - रिवाज़ या संस्कृति हो.
ज्ञान - विज्ञान , साहित्य - कला की, यहीं से फूटी धारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
महावीर और गुरु गोविन्द की, जन्मभूमि यह धरती.
गौतम - गांधी - बाल्मीकि की, कर्मभूमि यह धरती.
गणतंत्र को सबसे पहले, इस धरती ने उतारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
------ सतीश मापतपुरी
---- जय बिहार - जय भारत ------
Who is author of this poem?
ReplyDeleteSatish Mapatpuri
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